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सहकारिता दो शब्दों सह + कारिता से मिलकर बना है जिसका अर्थ है मिलजुल कर कार्य करना/अनेक व्यक्तियों या संस्थाओ द्वारा किसी समान उद्देश्य की प्राप्ति के लिये मिलकर प्रयास करना सहकार (Cooperation) कहलाता है। समान उदेश्य की पूर्ति के लिये अनेक व्यक्तियों या संस्थाओ की सम्मिलित संस्था को सहकारी संस्था कहते है।

राजस्थान में सहकारी आन्दोलन –

नारा - एक सबके लिए सब एक के लिए

उद्देश्य

सहकारिता आन्दोलन का ध्येय किसानो, श्रमिको शिल्पकारों, लघु-व्यवसायियों तथा विविध स्तरों पर उत्पादक गतिविधियों में संलग्न जनसाधारण को बिचौलियों के शोषण से मुक्त कराते हुए, उनकी पारस्परिक सहयोग पर आधारित सामूहिक आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित कर, उनका आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास सुनिश्चित करना, उन्हें उनके श्रम एवं उत्पाद का उचित मूल्य उपलब्ध कराना, उनके साथ ही उपभोक्ता को भी उचित मूल्य पर गुणवत्तायुक्त वस्तुएं उपलब्ध करवाना तथा इसके माध्यम से एक शोषण मुक्त, स्वावलम्बी एवं सश्क्त आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था करना है, ताकि राज्य की सर्वतोन्मुखी प्रगति सुनिश्चित की जा सके।

सहकारिता के सिद्धांत
  1. स्वैच्छिक तथा खुली सदस्यता
  2. सदस्यों का लोकतांत्रिक नियंत्रण
  3. सदस्यों की आर्थिक भागीदारी
  4. स्वायत्तता तथा स्वाधीनता
  5. शिक्षा, प्रशिक्षण तथा जानकारी
  6. सहकारी सोसायटियों में सहयोग
  7. समुदाय के लिए सरोकार

Nodal Officer

Nodal Officer
Nodal Officer :

SH. OTARAM CHOUDHARY

PRO, Contact No. 0141-2740296 (Ext. 109) Mobile No. 9468688777

Sahkar Bhawan, BS Road, Jaipur

Email: proho.coop@rajasthan.gov.in

Phone Number : 0141-2765432

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